जल प्रदूषण से मछलियों की मौत पर सख्त हुए कलेक्टर, दो स्टील उद्योगों को तत्काल बंद करने के निर्देश

राजनांदगांव। जिले के ग्राम इंदावानी जलाशय में बड़ी संख्या में मछलियों की मौत की खबर पर प्रशासन ने त्वरित और कठोर कार्रवाई की है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जल प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए मेसर्स ओरिएंट इस्पात प्राइवेट लिमिटेड एवं पीएस स्टील ट्यूब्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम टेड़ेसरा पोस्ट सोमनी को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश जारी किए हैं।

संयुक्त निरीक्षण में हुआ जल प्रदूषण का खुलासा

कलेक्टर के आदेश पर राजस्व, स्वास्थ्य, सुरक्षा, जल संसाधन, पर्यावरण, उद्योग एवं मत्स्य विभाग की संयुक्त टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जलाशय के किनारे बड़ी संख्या में मृत मछलियां पाई गईं, जिससे जल प्रदूषण की पुष्टि हुई।

पर्यावरण संरक्षण मंडल, भिलाई की रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि दोनों उद्योगों के अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (Effluent Treatment Plant) ठीक ढंग से संचालित नहीं हो रहे थे। अपशिष्ट जल को बिना शोधन के फैक्ट्री परिसर के बाहर छोड़ा गया, जिससे यह आसपास के तालाब में मिलकर गंभीर जल प्रदूषण का कारण बना।

शून्य डिस्चार्ज की शर्त का भी उल्लंघन

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि दोनों उद्योगों ने शून्य डिस्चार्ज की अनिवार्य शर्त का पालन नहीं किया। ओरिएंट इस्पात फैक्ट्री के पीछे स्थित एक गड्ढे में बड़ी मात्रा में फैक्ट्री का अपशिष्ट संग्रहित पाया गया, जिससे स्थानीय जल स्रोत प्रदूषित हो रहे थे। साथ ही, फैक्ट्रियों की हाउस कीपिंग व्यवस्था भी अत्यंत असंतोषजनक पाई गई।

बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं की आपूर्ति बंद करने के निर्देश

कलेक्टर डॉ. भुरे ने संबंधित विभागों को दोनों उद्योगों को दी जा रही बिजली, पानी एवं अन्य सुविधाओं की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उद्योगों को सभी पर्यावरणीय विसंगतियों को सुधारने और कानूनी मानकों के अनुरूप व्यवस्था बहाल करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

यदि निर्धारित समयसीमा में इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 और वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जांच टीम में ये अधिकारी रहे शामिल

इस संयुक्त जांच टीम में शामिल रहे:

डॉ. अनिता सांवत – क्षेत्रीय अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल

श्री निलेश रामटेके – कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग

डीपी मास्कोले – इंडस्ट्री हेल्थ एवं सेफ्टी अधिकारी

सानू वी. वर्गीश – महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र

सुदेश कुमार साहू – सहायक संचालक, मत्स्य विभाग

गंगाधर – राजस्व विभाग

नायब तहसीलदार, राजनांदगांव

मौके पर जांच का पंचनामा तैयार किया गया और उद्योगों को साफ शब्दों में चेताया गया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की पर्यावरणीय लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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