राजनांदगांव, 23 जून 2025।
जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने तथा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त मानव संसाधन, चिकित्सकीय सामग्री एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
डॉ. भुरे ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ का व्यवहार मरीजों के प्रति संवेदनशील एवं सहयोगात्मक होना चाहिए। उन्होंने सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध संसाधनों की गहन समीक्षा करते हुए स्टाफ की कमी वाले स्थानों पर मेडिकल ऑफिसर एवं अन्य स्टाफ की त्वरित भर्ती के निर्देश दिए।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने पर जोर
कलेक्टर ने कहा कि संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता बढ़ाई जाए और गर्भवती महिलाओं की नियमित नि:शुल्क जांच एवं उपचार सुनिश्चित किया जाए। हाई-रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनके लिए विशेष उपचार की व्यवस्था की जाए।
आयुष्मान कार्ड का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करें
उन्होंने सभी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत शत-प्रतिशत कार्ड उपयोग को सुनिश्चित करने तथा इससे प्राप्त राशि का उपयोग हॉस्पिटल के उन्नयन के लिए करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को योजना का अधिकतम लाभ मिलना चाहिए।
बच्चों के टीकाकरण, एनसीडी स्क्रीनिंग और टीबी जांच पर विशेष ध्यान
बच्चों के समय पर टीकाकरण को अनिवार्य बताते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कोई भी टीका छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने मधुमेह व अन्य गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग में प्रगति लाने, टीबी और कुष्ठ रोग की जांच बढ़ाने, सिकल सेल परीक्षण को गति देने, और कोविड-19 जांच को नियमित बनाए रखने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य अधोसंरचना निर्माण कार्य समय पर पूर्ण करने के निर्देश
कलेक्टर ने जिले में चल रहे निर्माणाधीन स्वास्थ्य अधोसंरचना कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की नियमित नि:शुल्क जांच सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देने की बात कही।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा
बैठक में जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान वय वंदन कार्ड, निक्षय निरामय योजना, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, एनीमिया मुक्त भारत, परिवार नियोजन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, पोषण पुनर्वास केंद्र, प्रधानमंत्री डायलिसिस योजना, ई-संजीवनी, डेंगू-मलेरिया नियंत्रण, पीसीपीएनडीटी आदि कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई।
इस अवसर पर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सुरूचि सिंह, मेडिकल कॉलेज के संयुक्त संचालक डॉ. अतुल देशकर, सीएमएचओ डॉ. नेतराम नवरत्न, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. पवन जेठानी, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. माधुरी खुंटे सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।